सुबह साढ़े दस बजे न्यू डैली ढाबा खुला तो था, मगर इस समय यहाँ कोई था नहीं. था भी ढाबा पैरिस के लिटल इंडिया से दूर, गुमनाम से इलाके में. तो इतने बजे यहाँ कोई क्यों आता?
ढाबा पैरिस में ज़रूर था, मगर कहीं से इसे अप-स्केल नहीं कहा जा सकता था. ढाबा कह कर बुलाते थे, ढाबा जैसा ही था.
वसीम? कैश-रजिस्टर के सामन...