ऐ जिन्दगी !
जितना मुझको तू समझे है, उससे भी आसान हूँ मैं,
थोड़ा-सा परेशान दिखे हूँ, थोड़ा-सा परेशान हूँ मैं !!
न तुमसा चंचल-कोमल हूँ, न ही तुझसा महान हूँ मैं..
पर जितना मासूम दिखे तू , उतना ही नादान हूँ मैं !!
तेरे रस्ते, तेरी गलियाँ, कुछ दिन का मेहमान हूँ मैं,
राही हूँ; बस ये जानू मैं, मंजिल से अंजान हूँ म...