ई-कल्पना कहानियों को पढ़ने का दौर फिर शुरू हो गया है. दिसम्बर 2021 से अब तक हम नई कहानियाँ नहीं पढ़ रहे थे. अब हमारी टीम नई कहानियाँ पढ़ने को फिर तैयार हो गई है.
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कृपया अपनी कहानियाँ .doc format में ही भेजें.
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ekalpanasubmit@gmail.com पर भेजें.
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यदि पिछले महीनों में आपने अपनी कहानियाँ हमें भेजी हैं और आपको कहानी प्राप्ति खत नहीं मिला है तो अपनी कहानी दुबारा भेजिये.
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हर स्वीकृत कहानी को प्रकाशन पर ₹2000 का मानदेय मिलेगा.
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स्वीकृत कहानियाँ नवम्बर 2022 और आगे समय में ही प्रकाशित होंगी.
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कृप्या ध्यान दें कि हम केवल अप्रकाशित कहानियाँ ही पढ़ेंगे.
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एक बारी में केवल एक कहानी ही भेजें. अस्वीकृति/स्वीकृति की सूचना मिलने पर ही अगली कहानी भेजें.
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मानदेय के विषय में - लेखक के काम का मूल्य होता है, इसलिये हर स्वीकृत कहानी को हम ₹2000 मानदेय के तौर पर देते हैं. हर स्वीकृति पत्र में हम लेखक से प्रकाशन की सूचना अपने मित्रों में सोशल मीडिया के ज़रिये प्रसारित करने की विनती भी करते हैं. इससे, पहले तो लेखक का उत्साह झलकता है, साथ में पत्रिका का भी प्रसार होता है. पत्रिकाओं को पाठकों की ज़रूरत है, यह एक लॉजिकल सच है. अकसर हमने देखा है कि लेखक सोशल मीडिया में सक्रिय होने के बावजूद ई-कल्पना में प्रकाशित अपनी कहानी साझा नहीं करते हैं. इसे हम केवल एक तरह से देखते हैं - कि लेखक ई-कल्पना को बॉयकौट कर रहे हैं. सामान्यतः हम उम्मीद करते हैं कि प्रकाशन के एक हफ्ते के दौरान लेखक कहानी को साझा कर अपना गर्व भी साझा करेंगे. इसलिये हमारे सम्पादक मंडल ने तय किया है कि यदि आप सोशल मीडिया में सक्रिय हैं और ई-कल्पना में प्रकाशित अपनी कहानी को साझा नहीं कर रहे हैं, तो यह आपकी मर्ज़ी है, लेकिन कहानी के मानदेय के वितरण में इसका असर पड़ सकता है.