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eKalpana literary magazine
You will find the Best Hindi Stories here
अपनी कहानियाँ भेजिये ...
आपकी कहानी -
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पूर्व प्रकाशित न हो
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एक अच्छी कहानी का स्वरूप बनाए रखें, यानी कि भाषा, विडम्बना, कथानक, इत्यादि न भूलें ... भाषा अच्छी ही न हो, वर्तनी व व्याकरण का भी ध्यान दें
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यूनिकोड फांट में हो. (नोट – कृति देव यूनीकोड फांट नहीं है. कई लेखक हमें कृति देव में शायद यह सोचकर भेजते हैं कि इसे बस कनवर्ट ही तो करना है, कर लेंगे ये लोग. जी हाँ, यही करना पड़ता है हम लोगों को, क्योंकि हम आपकी कहानियाँ पढ़ने को अधीर हो रहे होते हैं. मगर यह बात भी सही है कि जब पढ़ने को बहुत सारी कहानियाँ होती हैं, तो वो कहानियाँ जो कृति देव में टंकित की जाती हैं, कई बार रह जाती हैं)
यदि उपर्युक्त सभी बातों में आपकी कहानी खरी उतरती है, तो हमारी सम्पादकीय टीम उसे बहुत प्रेम से पढ़ेगी
अपनी कहानी ekalpanasubmit@gmail.com को भेजें.
प्रकाशनाभिलाशी लेखकों के लिये सूचना
1. यदि आपको कहानी प्राप्ति पत्र मिल चुका है, लेकिन स्वीकृति/अस्वीकृति निर्णय पत्र नहीं मिला है, तो कृपया इंतज़ार करें. कहानियाँ लगातार पढ़ी जा रही हैं.
2. मानदेय के विषय में - लेखक के काम का मूल्य होता है, इसलिये हर स्वीकृत कहानी को हम मानदेय देते हैं. हर स्वीकृति पत्र में हम लेखक से प्रकाशन की सूचना अपने मित्रों में सोशल मीडिया के ज़रिये प्रसारित करने की विनती भी करते हैं. इससे, पहले तो लेखक का उत्साह झलकता है, साथ में पत्रिका का भी प्रसार होता है. पत्रिकाओं को पाठकों की ज़रूरत है, यह एक लॉजिकल सच है. अकसर हमने देखा है कि लेखक सोशल मीडिया में सक्रिय होने के बावजूद ई-कल्पना में प्रकाशित अपनी कहानी साझा नहीं करते हैं. इसे हम केवल एक तरह से देखते हैं - कि लेखक ई-कल्पना को बॉयकौट कर रहे हैं. सामान्यतः हम उम्मीद करते हैं कि प्रकाशन के एक हफ्ते के दौरान लेखक कहानी को साझा कर अपना गर्व भी साझा करेंगे. इसलिये हमारे सम्पादक मंडल ने तय किया है कि यदि आप सोशल मीडिया में सक्रिय हैं और ई-कल्पना में प्रकाशित अपनी कहानी को साझा नहीं कर रहे हैं, तो यह आपकी मर्ज़ी है, लेकिन कहानी के मानदेय के वितरण में इसका असर पड़ सकता है.
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