top of page

ई-कल्पना वॉल्यूम 1 अंक 1

  • मुक्ता सिंह-ज़ौक्की
  • 10 फ़र॰ 2016
  • 1 मिनट पठन

पाठकगण और लेखकगण, मित्रों!

नमस्कार

ई-कल्पना का फ़रवरी अंक, जिसका थीम है, अधूरी तस्वीरें, आज प्रकाशित हो रहा है. ये हमारा पहला अंक है. आशा है आपको पसंद आएगा.

ई-कल्पना आधुनिक हिन्दी आवाज़ का माईक्रोफ़ोन है, ये बात हम पिछले महीनों से लगातार कहे जा रहे हैं, क्योंकि लेखकों को अवसर देना हमारा उद्देश्य है.

आगे, जिस आदमी को पढ़ने की आदत न हो, वो कुल एक ही ज़िन्दगी जी पाता है - अपनी. वो भी अकसर आधी-अधूरी! ई-कल्पना का दूसरा लक्ष्य पढ़ने वालों की कल्पनाओं को मनोहर उड़ानों में भेजने का है, पाठकों को कई कई बार जीने का अवसर देने का है.

अंत में, हमें मालुम है कि हिन्दी की काफ़ी सारी उच्च स्तर की और सफल साहित्यिक-पत्रिकाएँ पहले से हैं, फिर भी ये मान कर कि किसी भी प्रगतिशील समाज में सृजनात्मक कलाओं के जितने ज़्यादा निकास हों, उतना ही अच्छा है, हम ई-कल्पना का उद्घाटन कर रहे हैं.

तो हमारी इस अंक की कहानियाँ पढ़िये, कोई सुझाव हों तो वैबसाईट के ब्लॉग के ज़रिये या हमारे फ़ेसबुक के पेज के ज़रिये हमें बताईये. अपनी कहानियाँ हमें भेजिये, अपने लेखक मित्रों को हमारे बारे में बताईये, पढ़ने के शौकीनों में हमें मशहूर करने में हमारी मदद कीजिये.

हम तो इसी सम्भावना से खुश हो रहे हैं कि एक दिन ऐसा भी आ सकता है जब लोग-बाग सिर में चिन्ताएँ नहीं, बल्कि कहानियाँ लिये घूमेंगे!

तो खुश रहिये, आबाद रहिये,

हर हाल में आपकी मित्र

Comments

Rated 0 out of 5 stars.
No ratings yet

Add a rating

आपके पत्र-विवेचना-संदेश
 

ई-मेल में सूचनाएं, पत्रिका व कहानी पाने के लिये सब्स्क्राइब करें (यह निःशुल्क है)

धन्यवाद!

bottom of page