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बधाईयाँ...

  • मुक्ता सिंह-ज़ौक्की
  • 1 जन॰ 2017
  • 1 मिनट पठन

नए साल की शुरुआत है और ये अंक ई-कल्पना वॉल्यूम 1 का आखिरी अंक है.

मौका है, दस्तूर भी है ... तो इस अंक में हम आपको कई कहानियों का गुलदस्ता प्रस्तुत कर रहे हैं. आशा है आपको सब कहानियाँ पसंद आएँगीं.

​आगे सुनिये, आगामी अंकों में हर स्वीकृत कहानी को हम 5000 रुपए मानदेय देंगे.

ई-कल्पना वॉल्यूम 2 के लिये हमें बेहतरीन कहानियों की तलाश है. हम वही कहानियाँ प्रकाशित करेंगे जिनकी भाषा हमें आकर्षित कर जाए और जिनका कथानक दिलचस्प और अर्थपूर्ण हो.

लेखकों से निवेदन है कि वे केवल अप्रकाशित कहानियाँ ही भेजें, इससे सम्पादिका का काम आसान हो पाएगा. पूर्व प्रकाशित कहानी भेजने पर सम्पादिका को मजबूरन लेखक का नाम ब्लैकलिस्ट में दर्ज़ करना पड़ेगा.

​पहले वॉल्यूम को सफल बनाने में ई-कल्पना के सह-सम्पादकों का बड़ा योगदान था जिसके लिये हम उनके बेहद आभारी हैं.

​अगले कुछ अंकों में हम अपने पहले वॉल्यूम की बेहतरीन कहानियाँ प्रोफ़ाईल करेंगे. इन्हें ज़रूर पढ़ियेगा. नई कहानियाँ जुलाई 2017 अंक से प्रकाशित होनी प्रारंभ होंगी.

2016 में ई-कल्पना के ज़रिये हमने कहानीकारों के लिये जो दरवाज़ा खोला था, अब वो पूरी तरह खुल चुका है. इंतज़ार है बस आपकी बेहतरीन कहानी का.

दिन के कुछ पल ज़मीन से पाँव उखाड़ कर तो देखिये. शायद वहीं कहीं, कल्पना के खुले आसमान में, तैरते ख़्यालों के बीच, आपको अपनी कहानी उड़ती हुई मिल जाए.

अपनी उस ऊँचाई को छूने की चाह रखने वाली उड़ती, उमड़ती, भटकती, बिंदास कहानी को आप लिख डालिये.

पूरी हो जाए, तब उसे ठोकिये-पीटिये. उसे चमकाईये, मित्रों को पढ़वाईये, मित्रों का ओ.के. मिल जाए, फिर हमें भेजिये.

नए साल के लिये अनेकों शुभकामनाओं सहित, पिछले साल की मधुर यादों को साथ ले कर, सस्नेह

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