
जी चाहता है,रख लूँ संजोकर तुझे भी बिटिया
शब्दों में छिपे अर्थ, और
अपनी कविता, कहानियों में गुँथे
भाव और विचारों की तरह।
किन्तु, डरने लगती हूँ यह सोचकर,
नहीं रह पाएगी वहाँ भी सुरक्षित तू
क्योंकि, अब तो विचार ही नहीं
शब्द भी चुराने लगे हैं लोग।
नहीं रख सकती वन-उपवन में छिपाकर तुझे
क्योंकि, कलियों को भी तोड़कर शाख से
मसलने-रौंदने लगे हैं लोग।
सोचती हूँ, रख लूँ संजोकर तुझे
अपने दिल के किसी कोने में।
पर, वहाँ तो विकसित ही नहीं हो पाएगी तू।
आ! तुम्हें कैक्टस बना दूँ,
क्योंकि,
कैक्टस पर लगे कमलनी-से सफ़ेद,लाल,गुलाबी फूलों को
देखा है मैंने, रात के अँधेरे में भी खिलते और महकते हुए
किन्तु, देखा नहीं कभी किसी को उन्हें तोड़ते।
नाम :- डाॅ0 प्रभा पन्त, एसो0प्रोफ़ेसर, हिन्दी विभाग

शिक्षा:- एम.ए. (हिन्दी साहित्य) बी.एड., पीएच.डी.
विगत 20 वर्षों से राजकीय महाविद्यालयों में अध्ययन-अध्यापन/शोध निर्देषन
प्रकाशन एवं सम्मान-पुरस्कार:- अनेक शोधपत्र एवं दस पुस्तकें, कुमाउँनी लोककथाएँ, हिन्दी अनुवाद सहित (तीन आवृत्तियाँ, अंग्रेजी, संस्कृत, नेपाली एवं राजस्थानी भाषाओं में अनुवाद)/तेरा तुझको अर्पण,(कविता संग्रह)/फाँस (कहानी संग्रह)/मैं... (कविता संग्रह)/बच्चे मन के सच्चे (बालकविता संग्रह)/उत्तराखण्ड की लोककथाएँ/परी हंसावली (कुमाउँनी लोककथाएँ)/हम और हमारा कुमाऊँ/पुर्खनैकि सुणाईं का्थ (हिन्दी अनुवाद सहित)/कर्मयोगिनी सरला बहन के अतिरिक्त... चैदह राष्ट्रीय संकलनों में गद्य-पद्य रचनाएँ तथा लोककथाएँ/संस्मरण, जीवनी, आलेख एवं कविताएँ (कुमाउँनी भाषा में)/अनेक पुस्तकों की भूमिका एवं समीक्षा (हिंदी एवं कुमाउँनी में) शैलसूत्र, साहित्य गुंजन एवं कल्याणी हैं हम, प्रबोधिनी पत्रिकाओं का संपादन/साहित्यिक, सामाजिक, सांस्कृतिक-मंचों का संयोजन-संचालन /सन् 2001 से अनेक राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय पत्र-पत्रिकाओं में सतत रचनाएँ प्रकाषित/लगभग 30 वर्षों से नाट्य, वार्ता, कविता, कहानी आदि का आकाषवाणी अल्मोड़ा तथा रामपुर से प्रसारण/उत्तराखण्ड पुलिस विभाग, महिला ऐच्छिक ब्यूरो में काउंसलर/ऐतिहासिक मंच लालकिला सहित अनेक राष्ट्रीय-अन्तर्राष्ट्रीय मंचों पर काव्यपाठ/सिंहस्थ-2016 अन्तर्राष्ट्रीय विचार महाकंुभ में स्त्री-विमर्ष हेतु सक्रिय प्रतिभाग/अभिनय, षिक्षा, साहित्य एवं सामाजिक क्षेत्र में रचनात्मक योगदान के लिये, एक दर्जन से अधिक राष्ट्रीय तथा अन्तर्राष्ट्रीय सम्मान एवं पुरस्कार।
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