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तुमसे कुछ नहीं पूछना

  • चन्द्रभान प्रताप
  • 26 जून 2017
  • 1 मिनट पठन

सवालों की एक लम्बी फेहरिश्त है

जो तुमसे करने थे मुझे....

तबकी बार तुमने वैसा क्यों किया ?

और पिछली बार

अपनी बात से मुकर क्यों गए ?

पर बारी-बारी

एक--एक सवाल

टूटते गए

जैसे-जैसे तुम दूर हुए

सवालों के जवाब

ढूंढ लिए मैंने....

आज बैठा हूँ

बेहिस

अपने बुने हुए जवाबों के साथ

और तुमसे कुछ नहीं पूछना.....

 

चंद्रभान, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के इतिहास अध्ययन केंद्र में प्राचीन इतिहास के शोधार्थी हैं।

इतिहास एवं साहित्य में रुचि के साथ-साथ वे थिएटर से भी जुड़े हैं।

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