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आजादी का पर्व

  • महेन्द्र देवांगन माटी
  • 15 अग॰ 2017
  • 1 मिनट पठन

आजादी का पर्व

आजादी का पर्व मनाने, गाँव गली तक जायेंगे ।

तीन रंगों का प्यारा झंडा, शान से हम लहरायेंगे ।

नहीं भूलेंगे उन वीरों को , देश को जो आजाद किया ।

भारत मां की रक्षा खातिर, जान अपनी कुर्बान किया ।

आज उसी की याद में हम सब , नये तराने गायेंगे ।

तीन रंगों का प्यारा झंडा, शान से हम लहरायेंगे ।

चन्द्रशेखर आजाद भगतसिंह, भारत के ये शेर हुए ।

इनकी ताकत के आगे, अंग्रेजी सत्ता ढेर हुए ।

बिगुल बज गया आजादी का, वंदे मातरम गायेंगे ।

तीन रंगों का प्यारा झंडा, शान से हम लहरायेंगे ।

मिली आजादी कुर्बानी से, अब तो नही जाने देंगे ।

चाहे कुछ हो जाये फिर भी, आंच नहीं आने देंगे ।

संभल जाओ ओ चाटुकार तुम, अब तो शोर मचायेंगे ।

तीन रंगों का प्यारा झंडा, शान से हम लहरायेंगे ।

हिन्दू मुस्लिम सिख ईसाई, सबको आगे आना होगा ।

स्कूल हो या मदरसा सब पर , तिरंगा फहराना होगा ।

देशभक्ति का जज्बा है ये , मिलकर साथ मनायेंगे ।

तीन रंगों का प्यारा झंडा, शान से हम लहरायेंगे ।

रचना

महेन्द्र देवांगन माटी

पंडरिया (छत्तीसगढ़ )

दूरभाष - 8602407353

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