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हम

  • संजीव वर्मा 'सलिल'
  • 15 अग॰ 2017
  • 2 मिनट पठन

हम

*

हम वही हैं,

यह न भूलो

झट उठो आकाश छू लो।

बता दो सारे जगत को

यह न भूलो

हम वही है।

*

हमारे दिल में पली थी

सरफरोशी की तमन्ना।

हमारी गर्दन कटी थी

किंतु

किंचित भी झुकी ना।

काँपते थे शत्रु सुनकर

नाम जिनका

हम वही हैं।

कारगिल देता गवाही

मर अमर

होते हमीं हैं।

*

इंकलाबों की करी जयकार

हमने फेंककर बम।

झूल फाँसी पर गये

लेकिन

न झुकने दिया परचम।

नाम कह 'आज़ाद', कोड़े

खाये हँसकर

हर कहीं हैं।

नहीं धरती मात्र

देवोपरि हमें

मातामही हैं।

*

पैर में बंदूक बाँधे,

डाल घूँघट चल पड़ी जो।

भवानी साकार दुर्गा

भगत के

के संग थी खड़ी वो।

विश्व में ऐसी मिसालें

सत्य कहता हूँ

नहीं हैं।

ज़िन्दगी थीं या मशालें

अँधेरा पीती रही

रही हैं।

*

'नहीं दूँगी कभी झाँसी'

सुनो, मैंने ही कहा था।

लहू मेरा

शिवा, राणा, हेमू की

रग में बहा था।

पराजित कर हूण-शक को

मर, जनम लेते

यहीं हैं।

युद्ध करते, बुद्ध बनते

हमीं विक्रम, 'जिन'

हमीं हैं।

*

विश्व मित्र, वशिष्ठ, कुंभज

लोपामुद्रा, कैकयी, मय ।

ऋषभ, वानर, शेष, तक्षक

गार्गी-मैत्रेयी

निर्भय?

नाग पिंगल, पतंजलि,

नारद, चरक, सुश्रुत

हमीं हैं।

ओढ़ चादर रखी ज्यों की त्यों

अमल हमने

तही हैं।

*

देवव्रत, कौंतेय, राघव

परशु, शंकर अगम लाघव।

शक्ति पूजित, शक्ति पूजी

सिय-सती बन

जय किया भव।

शून्य से गुंजित हुए स्वर

जो सनातन

हम सभी हैं।

नाद अनहद हम पुरातन

लय-धुनें हम

नित नयी हैं।

*

हमीं भगवा, हम तिरंगा

जगत-जीवन रंग-बिरंगा।

द्वैत भी, अद्वैत भी हम

हमीं सागर,

शिखर, गंगा।

ध्यान-धारी, धर्म-धर्ता

कम-कर्ता

हम गुणी हैं।

वृत्ति सत-रज-तम न बाहर

कहीं खोजो,

त्रय हमीं हैं।

*

भूलकर मत हमें घेरो

काल को नाहक न टेरो।

अपावन आक्रांताओं

कदम पीछे

हटा फेरो।

बर्फ पर जब-जब

लहू की धार

सरहद पर बही हैं।

कहानी तब शौर्य की

अगणित, समय ने

खुद कहीं हैं।

*

हम वही हैं,

यह न भूलो

झट उठो आकाश छू लो।

बता दो सारे जगत को

यह न भूलो

हम वही है।

*

salil.sanjiv@gmail.com, ९४२५१८३२४४

#दिव्यनर्मदा

#हिंदी_ब्लॉगर

विश्व वाणी हिंदी संस्थान - समन्वय प्रकाशन अभियान जबलपुर

***

ll हिंदी आटा माढ़िए, उर्दू मोयन डाल l 'सलिल' संस्कृत सान दे, पूड़ी बने कमाल ll

ll जन्म ब्याह राखी तिलक, गृह प्रवेश त्यौहार l 'सलिल' बचा पौधे लगा, दें पुस्तक उपहार ll

*

(संजीव वर्मा 'सलिल')

२०४ विजय अपार्टमेंट, नेपियर टाउन,

जबलपुर ४८२००१, चलभाष ९४२५१ ८३२४४

salil.sanjiv@gmail.com

http://divyanarmada.blogspot.in

facebook: sahiyta salila / sanjiv verma 'salil'

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