बाबाओं के नाम से देखो , कैसे सबको लूट रहे ।
भर चूका है पाप का घड़ा, अब तो भांडा फूट रहे ।
भोली भाली जनता को , अपने वश में करते हैं ।
अपने को भगवान बताकर, अपनी जेबें भरते हैं ।
लच्छेदार प्रवचन देकर, लोगों को खूब रिझाते हैं ।
गुरु मंत्र का नाम बताकर, अपनी जाल बिछाते हैं।
आलीशान बंगलों में रहकर, बाबा का ढोंग रचाते हैं ।
कृष्ण कन्हैया बनकर के, गोपियों को नचाते हैं ।
अय्याशी से भरा है जीवन, झूठे उपदेश सुनाते हैं ।
दुनिया को दिखावा करके, लोगों को भटकाते हैं ।
संभल जाओ ओ दुनिया वालों, फेर में इसके मत आओ ।
बाबा रे बाबा अब तो, इसके चाल से हमें बचाओ ।
- महेन्द्र देवांगन माटी पंडरिया छत्तीसगढ़ 8602407353