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दीप

  • विशाल शुक्ला
  • 19 अक्तू॰ 2017
  • 1 मिनट पठन

हे दीप ! तू कितना सौभाग्यशाली है

घोर अंधेरे से तू बड़ा ही बलशाली है !

शत - शत नमन तेरे त्याग साहस को

तेरे कारण काली रात भी उजाली है !

 

विशाल शुक्ल

साहित्यकार

रेलवे स्टेशन

छिंदवाड़ा

मध्य प्रदेश

480002

मोबाइल 9424300896

ईमेल vishalshuklaom@gmail.com

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