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प्रेम पर पंकज त्रिवेदी की कविता

पंकज त्रिवेदी

पूर्ण प्रेम होता है

संवेदना होती है

तब प्रभाव नहीं होता

जब प्रभाव होता है

संवेदना नहीं और

प्रेम भी नहीं होता

रिश्तों की पूर्णता

केवल प्रेम में है और प्रेम

शरीरी से अशरीरी तक !

कोई कितना भी नकारें

तत्त्वज्ञान की पोथी पढ़ें

प्रेम केवल प्रेम है

वहीं से अध्यात्म उठा लें

तब केवल प्रेम से चरम तक

परम प्रेम में लीन होना

*

पंकज त्रिवेदी

संपर्क- पंकज त्रिवेदी

"ॐ", गोकुलपार्क सोसायटी, 80 फ़ीट रोड, सुरेन्द्र नगर, गुजरात - 363002 मोबाईल : 096625-14007 vishwagatha@gmail.com

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