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चिड़िया (बाल कविता)

  • मुकेश कुमार ऋषि वर्मा
  • 23 सित॰ 2019
  • 1 मिनट पठन

फुदक-फुदक कर नाचती चिड़िया,

दाना चुंगकर उड़ जाती चिड़िया |

हरी-भरी सुंदर बगिया में,

मीठे-मीठे गीत सुनाती चिड़िया |

अपने मिश्रीघुले बोलों से

बच्चों का मन चहकाती चिड़िया |

नित मिल-जुल कर आती,

आपस में नहीं झगड़ती चिड़िया |

प्रेमभाव से रहना सिखलाती,

बहुत बड़ी सीख देती नन्हीं चिड़िया |

तरह-तरह के रुप-रंग वाली,

लाल, हरी, काली, नीली, पीली चिड़िया |

फुदक-फुदक कर नाचती चिड़िया,

दाना चुंगकर उड़ जाती चिड़िया ||

- मुकेश कुमार ऋषि वर्मा

ग्राम रिहावली, डाक तारौली,

फतेहाबाद, आगरा, 283111

mukesh123idea@gmail.com

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