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जो जाता है मर !

  • सक्षम द्विवेदी
  • 26 सित॰ 2019
  • 1 मिनट पठन

आसान है राजनीति उस पर, जो किसी घटना में जाता है मर, जिसने परिश्रम किया कस के कमर। आसान है राजनीति उस पर, जो किसी घटना में जाता है मर। क्योंकि वो जिंदा होता अगर, बताता क्यों ऐसी थी डगर ? क्यों इतना भयावह था सफर ? आपकी नीतियों का क्या था असर ? क्यों सताती थी पेट भरने की फ़िकर? मिलने जब भी गया आप नहीं आए नज़र, वो नहीं चुका पा रहा था बेहिसाब कर, अदा भी नहीं कर पा रहा था ऋण की वो दर, गिरवी रखा था उसने आप ही के पास तो अपना घर। सींचता रहा खेत उससे जो सूखी थी नहर, भूखे बच्चे बिलखते थे उसके हर पहर। इन बातों का नहीं रहता डर, आसान है राजनीति उस पर, जो किसी घटना में जाता है मर। अब नायक बन आप एक चेक दोगे भी गर, क्या उसकी विधवा का सुहाग जाएगा भर ? आसान है राजनीति उस पर, जो किसी घटना में जाता है मर।

सक्षम द्विवेदी, 20 नया कटरा, दिलकुशा पार्क, प्रयागराज, मोबाइल नम्बर - 7380662596

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