- हर्ष कुमार सेठ
महामारी के दिनों में ... एक कविता "धन्यवाद"
धन्यवाद, धन्यवाद करते हैं ।
धन्यवाद करोना से लड़ने वाले सेनानियों का ।
धन्यवाद मानवता को बचाने का ।
धन्यवाद इंसानियत को बड़ाने का ।
धन्यवाद मानवता को सिखाने का ।
हम तुम्हें धन्यवाद करते हैं ।

बचपन से एक चाह थी ।
देवता को देखने की बहुत बड़ी राह थी ।
अब वो देवता कहता है ।
तेरा देवता तो इन सेनानियों के स्वरूप में ही रहता है ।
धन्यवाद धन्यवाद करते हैं ।
अब मैं भी तुम्हारे साथ कुछ हथियार लेकर लडूंगा ।
संयम और संकल्प का साथ लेकर लड़ूंगा ।
ना टूटेगा जोश मेरा ।
ना रुकोगे तुम ।

जीतोगे अजय होगे विजय होगे तुम ।
बस इस उम्मीद से विजय की फरियाद करते हैं ।
धन्यवाद धन्यवाद करते हैं ।
नहीं होगी कोई कमी विश्वास है हमें ।
शासन है मानवता का ।
सबको साथ लेकर चले ।
ध्यर्य बड़ाओ ध्यर्य बड़ाओ ।
ध्यर्य सबको बड़ाना है ।
बस इस बात का ही अब हम संवाद करते हैं ।
धन्यवाद धन्यवाद करते हैं ।
धन्यवाद जीवन बचाने वाले ।
सभी राष्ट्र सेवक सेनानियों का ।
हम धन्यवाद करते हैं ।

- हर्ष कुमार सेठ
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