top of page

महामारी के दिनों में ... एक कविता "धन्यवाद"

  • हर्ष कुमार सेठ
  • 8 अप्रैल 2020
  • 1 मिनट पठन

धन्यवाद, धन्यवाद करते हैं ।

धन्यवाद करोना से लड़ने वाले सेनानियों का ।

धन्यवाद मानवता को बचाने का ।

धन्यवाद इंसानियत को बड़ाने का ।

धन्यवाद मानवता को सिखाने का ।

हम तुम्हें धन्यवाद करते हैं ।

बचपन से एक चाह थी ।

देवता को देखने की बहुत बड़ी राह थी ।

अब वो देवता कहता है ।

तेरा देवता तो इन सेनानियों के स्वरूप में ही रहता है ।

धन्यवाद धन्यवाद करते हैं ।

अब मैं भी तुम्हारे साथ कुछ हथियार लेकर लडूंगा ।

संयम और संकल्प का साथ लेकर लड़ूंगा ।

ना टूटेगा जोश मेरा ।

ना रुकोगे तुम ।

जीतोगे अजय होगे विजय होगे तुम ।

बस इस उम्मीद से विजय की फरियाद करते हैं ।

धन्यवाद धन्यवाद करते हैं ।

नहीं होगी कोई कमी विश्वास है हमें ।

शासन है मानवता का ।

सबको साथ लेकर चले ।

ध्यर्य बड़ाओ ध्यर्य बड़ाओ ।

ध्यर्य सबको बड़ाना है ।

बस इस बात का ही अब हम संवाद करते हैं ।

धन्यवाद धन्यवाद करते हैं ।

धन्यवाद जीवन बचाने वाले ।

सभी राष्ट्र सेवक सेनानियों का ।

हम धन्यवाद करते हैं ।

- हर्ष कुमार सेठ

hks2528@rediffmail .com दूरभाष न. 9911277762,

seth@ttkhealthcare.com

 
 
 

Commentaires

Noté 0 étoile sur 5.
Pas encore de note

Ajouter une note

आपके पत्र-विवेचना-संदेश
 

ई-मेल में सूचनाएं, पत्रिका व कहानी पाने के लिये सब्स्क्राइब करें (यह निःशुल्क है)

धन्यवाद!

bottom of page