यादें
- कुमार किशन कीर्ति
- 26 अप्रैल 2020
- 1 मिनट पठन

जिंदगी में कभी ऐसी मोड़े आती हैं
बीते हुए पल यादें बनकर रह जाती हैं
दिल में एक कसक सी उठती हैं
उस कसक में अपनों की यादे आती हैं
अपनों से मिलना और
अपनों से बिछड़ना
जिंदगी की एक परिभाषा है
यादें इस परिभाषा को
नवीन कर जाती हैं
जिंदगी में तो बहुत कुछ
हम खोते पाते हैं, लेकिन
यादें तो बस यादें बनकर रह जाती है
:कुमार किशन कीर्ति,बिहार
psonukumar80@gmail.com
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