सन्नाटा बरस रहा चहुं ओर
कि बंदर ने गुस्से से हिला दी
देवदारू की मजबूत शाख
चहकी चिडियां, उडे कबूतर फर्र फर्र.

बरस रहा सन्नाटा
कि तेजी से दौडा अखबार वाला छोकरा
बूढे ने गेट पर थामा
खबर जरूरी है आज
क्या हो रहा देश में कोरोना काल में.
चिंतित हैं टीवी एंकर
कि बच्चे तो मान जाएंगे
कौन रोक पाएगा
बद्दिमाग बूढों को !

परिचय
24 सितम्बर 1949 को पालमपुर (हिमाचल) में जन्म। 125 से अधिक पुस्तकों का संपादन/लेखन।
वरिष्ठ कथाकार। अब तक दस कथा संकलन प्रकाशित। चुनींदा कहानियों के पांच संकलन । पांच कथा संकलनों का संपादन।
चार काव्य संकलन, दो उपन्यास, दो व्यंग्य संग्रह के अतिरिक्त संस्कृति पर विशेष काम। हिमाचल की संस्कृति पर विशेष लेखन में ‘‘हिमालय गाथा’’ नाम से सात खण्डों में पुस्तक श्रृंखला के अतिरिक्त संस्कृति व यात्रा पर बीस पुस्तकें। पांच ई-बुक्स प्रकाशित।
संस्कृति विभाग तथा अकादमी में रहते हुए सत्तर से अधिक पुस्तकों का संपादन/प्रकाशन।
जम्मू अकादमी (’’आतंक’’ उपन्यास), हिमाचल अकादमी (‘‘आतंक उपन्यास तथा‘‘जो देख रहा हूं’’ काव्य संकलन), तथा, साहित्य कला परिषद् दिल्ली(‘‘नदी और रेत’’ नाटक) पुरस्कत। ’’व्यंग्य यात्रा सम्मान’’ सहित कई स्वैच्छिक संस्थाओं द्वारा साहित्य सेवा के लिए पुरस्कृत।
अमर उजाला गौरव सम्मानः 2017। हिन्दी साहित्य के लिए हिमाचल अकादमी के सर्वोच्च सम्मान ‘‘शिखर सम्मान’’ से 2017 में सम्मानित।
कई रचनाओं का भारतीय तथा विदेशी भाषाओं में अनुवाद। कथा साहित्य तथा समग्र लेखन पर हिमाचल तथा बाहर के विश्वविद्यालयों से दस एम0फिल0 व दो पीएच0डी0।
पूर्व सदस्य साहित्य अकादेमी, दुष्यंत कुमार पांडुलिपि संग्रहालय भोपाल।
पूर्व सीनियर फैलो: संस्कृति मन्त्रालय भारत सरकार, राष्ट्रीय इतिहास अनुसंधान परिषद्, दुष्यंतकंमार पांडुलिपि संग्रहालय भोपाल।
वर्तमान सदस्यः राज्य संग्रहालय सोसाइटी शिमला, आकाशवाणी सलाहकार समिति, विद्याश्री न्यास भोपाल।
पूर्व उपाध्यक्ष/सचिव हिमाचल अकादमी तथा उप निदेशक संस्कृति विभाग।
सम्प्रति: ‘‘अभिनंदन’’ कृष्ण निवास लोअर पंथा घाटी शिमला-171009.
94180.85595, 0177-2620858
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