"हम उसे हर बार सपने देखने से पहले ही मार देते हैं / वह जीवित होते हुए भी केवल एक नाटक भर है / जब तक जीवन शेष है, नाटक चलता रहेगा / लेकिन कोई उसे ढूंढ के नहीं लाएगा / यह असफलता ही दरअसल मर्द की सफलता है मेरा परिचय यही है. मेरे लेखन में यही औरत जागती रही है. मैं उसे हर बार जीवन के एक नए युद्ध के लिए तैयार करती हूँ. मैं उसे जीवन के हर मोर्चे पर सब से आगे देखना चाहती हूँ. यह लड़ाई समाज के साथ लेखन को भी लड़नी है. इस में मेरी भागीदारी केवल इतनी है, कि मैं ने इस जंग के लिए लेखन को अपना हथियार बनाया है ..."
जुर्म कहानी संकलन - तबस्सुम फातिमा
₹150.00मूल्य
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