हा, मैं लड़की हूँ निडर और प्रतिभावान हूँ इस समाज के लिए प्रतिष्ठा हूँ ईश्वर की वरदान भी हूँ हा, मैं लड़की हूँ विद्या मेरा सिंगार है अस्मिता ही मेरी वस्त्र है समाज की रूढ़िवादी जंजीरों से मुक्त हूँ हा, मैं लड़की हूँ लता मंगेशकर बनकर मैंने दुनिया को संगीत दिया तो बनकर हिमादास मैंने भारत को स्वर्ण पदक दिया मुझमे है अदम्य साहस मैं ना अब अबला हूँ हा, मैं लड़की हूँ स्वतंत्र होकर जीने का मुझे भी अधिकार है अपने सपनों को पूरा करने का मुझे भी अधिकार है इस प्रकृति में मेरा भी वजूद है, मैं कोई वस्तु नहीं हूँ हा, मैं लड़की हूँ
:कुमार किशन कीर्ति