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  • ई-कल्पना सम्पादकीय

अनुराग शर्मा का "अनुरागी मन" ...


दोस्तों

सेतु पत्रिका के सम्पादक व हमारे प्रिय मित्र, वरिष्ठ लेखक अनुराग शर्मा का कहानी संग्रह "अनुरागी मन" गुरुवार, 5 मार्च 2020 से सोमवार 9 मार्च 2020 तक डाउनलोड हेतु निःशुल्क उपलब्ध है।

यदि आप या आपके कोई परिचित पढ़ना चाहें तो वे निम्न कड़ी से निःशुल्क डाउनलोड कर सकते हैं

किताब के समर्पण में अनुराग कहते हैं -

किसी भी भाषा को, उसके साहित्य को जीवित रखने में सबसे बड़ा योगदान पाठकों का होता है। अनुरागी मन का यह द्वितीय संस्करण समर्पित है हमारे पाठकों को जिनके सहयोग के बिना भाषा, और साहित्य पंगु हो जाते हैं बहुत सही कहते हैं अनुराग. लेखक की रचनाओं को पढ़ने वाले पाठक भी ज़रूरी होते हैं. यह एक सहजीवी रिश्ता है - वैसा ही जैसा कि एक माँ और बच्चे का, या पति और पत्नी का, या गुरू और शिष्य का रिश्ता होता है. कोई भी किसी पर हावी नहीं हो सकता. दोनों को एक दूसरे की ज़रूरत होती है. जो पढ़ना चाहते हैं, उन्हें लिखने वालों की आवश्यकता होती है, लिखने वाला लिखता जाए, पर अगर पढ़ने वाले ही न हों तो उसका लिखना उसके साथ ही चला जाता है.

आने वाले दिनों में अनुराग के इस संग्रह की हम समीक्षा करेंगे.

 

दोस्तों,

1. आपसे निवेदन है कि अगर आप किसी वजह से यह ई-किताब निःशुल्क न पढ़ पाएं तो इसे खरीद कर पढ़ने की कोशिश करें.

2. अपनी प्रकाशित किताब से हमें अवगत कराईये. यदि वह किंडल में उपलब्ध है तो हम उसे ज़रूर पढ़ेंगे और ई-कल्पना के पाठकों के लिये आपकी सुकृति पर अपनी दोराय प्रस्तुत करेंगे.

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मानदेय के विषय में -

·        लेखक के काम का मूल्य होता है, इसलिये हर स्वीकृत कहानी को हम मानदेय देते हैं. ·        ये ज़रूरी है कि कहानी मौलिक हो और पूर्व प्रकाशित न हो ·        हर स्वीकृति पत्र में हम लेखक से प्रकाशन की

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