"मैं वापस वृन्दावन लौट कर आऊंगा."
"नही आओगे, आना होता तो कहना नही पड़ता."
"मेरे जाने के बाद तुम्हारा विवाह हो जायेगा, किसी ग्वाले से."
"और तुम्हे असंख्य राजकुमारियाँ मिल जाएंगी."
"तो चलो ना मेरे साथ, मेरे निर्णय पर कोई आपत्ति नही करेगा."
"तुम्हारे प्रेम में मैं सब कुछ त्याग चुकी हूँ, मुझे मुरली के साथ कान्हा चाहिए शंख और चक्र कृष्ण वाला नही."
"पर मुरली तो मैं साथ ले जा रहा हूँ."
"जो बाहर जा रही है वो सिर्फ देह है मुरली की भी और तुम्हारी भी, अब तुम कान्हा नही कृष्ण हो."
"वादा करो कि रोओगी नही."
"वादों की कोई ज़रूरत ही नही कृष्ण!"
"एक बार कान्हा कह कर पुकारो."
"नही कर सकती कृष्ण."