1.
अल्लाताला सुप्रीम कोर्ट बन धरतीतल पर आया तीन तलाक़ का खोला ताला सबके मन भाया माओं , बहनों और बेटियों ने खूब जश्न मनाया मन अँगना में फूल झरें हैं, मन जिनका था भरमाया तलाक़ तलाक़ तलाक़ के डर से जिया रहता था भारी ताली ताली ताली दे दे नाच रही हैं ता था थैया सारी ख़त्म हुई दम घोंटूँ ,गला घोँटू ये लाइलाज बिमारी स्वतन्त्र हुई ,सबला बनी,अबला थी जो भारत की नारी
2.
क़दम क़दम बढ़ाये जा,
ख़ुशी के गीत गाये जा
तीन तलाक़ के बाद अब बारी है
सौतन को एक तन करने की
खाविन्द एक, नहीं दो चार
बीबियाँ एक दो तीन चार
ये भी है बड़ा भारी अत्याचार
लद गये वे दिन, हुई है भारी हार
कसा है शिकंजा, सीखेंगे आचार विचार
नारी जाति करती सुप्रीम कोर्ट की जयजयकार।