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  • सुशांत सुप्रिय

मेरा सपना

एक दिन मैं

जैव-खाद में बदल जाऊँ

और मुझे खेतों में

हरी फ़सल उगाने के लिए

डालें किसान

एक दिन मैं

सूखी लकड़ी बन जाऊँ

और मुझे ईंधन के लिए

काट कर ले जाएँ

लकड़हारों के मेहनती हाथ

एक दिन मैं

भूखे पेट और

बहती नाक वाले

बच्चों के लिए

चूल्हे की आग

तवे की रोटी

मुँह का कौर

बन जाऊँ

———————-0———————

सुशांत सुप्रिय

A-5001 ,

गौड़ ग्रीन सिटी ,

वैभव खंड ,

इंदिरापुरम ,

ग़ाज़ियाबाद - 201014

( उ.प्र. )

मो: 8512070086

ई-मेल: sushant1968@gmail.com

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