वो भी खाने कमाने निकले
सौ- सौ जिनके ठिकाने निकले
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हवा बदनाम वही करते जो
लगा कर आग बुझाने निकले
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जितने सौदों में हाथ लगाते
उनके कई फसाने निकले
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रिदा अभी ये खूब चलेगी
पैबन्द जरा लगाने निकले
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नाकामी से वे क्या घिरते
कामयाब घराने निकले
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पांच साल की जिन्दा कौमे
गली-गली चिल्लाने निकले
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पंचायत से खौफ-जदा थे
शहर में ज्यादा थाने निकले
सुशील यादव दुर्ग