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दिव्या शर्मा

एक दिन सब ठीक होगा



कुछ मंजर है दुख भरे

कुछ लोगों ने तमाशे जोड़े हैं

कुछ हालात हैं दुख में डूबे

कुछ लोगों ने भरोसे तोड़े हैं।

मैं कहती नहीं सब ठीक है

लेकिन कहती हूँ सब ठीक होगा।


कुछ अजब किस्से उछले

कुछ गजब गीत भी गाएं हैं

कुछ नज्में रोती दिखती हैं

कुछ भजन भी घबराएँ हैं

मैं कहती नहीं सब ठीक है

लेकिन कहती हूँ सब ठीक होगा।


कुछ जिस्म लिपट गए गज भर में

कुछ टूकड़े हुए हवाओं में

कुछ बहते हुए जल में डूबे

कुछ आग भी न पा पाएं हैं

मैं कहती नहीं सब ठीक है

लेकिन कहती हूँ सब ठीक होगा।


कुछ गिद्ध नेता बन आएं हैं

कुछ लोग हमनें दरिंदे पाएं हैं

कुछ ने बेची साँसें सोने में

कुछ खून चूसने आएं हैं

मैं कहती नहीं सब ठीक है

लेकिन कहती हूँ सब ठीक होगा।


कुछ ने बेचे कुछ लेख यहाँ

कुछ ने वहम फैलाएं हैं

कुछ ने रचे डर के मंजर

कुछ ने ख्वाब नोंच खाएं हैं

मैं कहती नहीं सब ठीक है

लेकिन कहती हूँ सब ठीक होगा।


कुछ चल रहे थे हाथ थामें

कुछ ने सहारे लगाएं हैं

कुछ ने कदमों पर साथ दिया

कुछ ने हौसले जताएं हैं

मैं कहती नहीं सब ठीक है

लेकिन कहती हूँ सब ठीक होगा।


कुछ की हिम्मत जो साथ चलें

कुछ के चेहरे खिल जायेंगें

कुछ के साथ में आने से

कुछ तुफान लौट चले जाएंगे

मैं कहती नहीं सब ठीक है

लेकिन कहती हूँ सब ठीक होगा।



 

परिचय-


नाम - दिव्या शर्मा


शिक्षा - स्नातक कला वर्ग में, स्नातकोत्तर समाजशास्त्र में, डिप्लोमा पर्यटन में।


पद - महासचिव हरियाणा, विश्व भाषा अकादमी, भारत।

सहसंपादक : युग-युगांतर ई पत्रिका (विश्व भाषा अकादमी, भारत, हरियाणा ईकाई)


सदस्य संपादन समिति किस्सा कोताह


साहित्यक परिचय :


नुक्कड़ नाट्य मंडल द्वारा विभिन्न लघुकथाओं की पूरी सीरीज का मंचन । नाट्य विद्यालय के छात्रों द्वारा प्रयागराज व विभिन्न क्षेत्रों में मंचन जिसे दैनिक जागरण, अमर उजाला व हिन्दूस्तान टाइम आदि राष्ट्रीय समाचार पत्रों ने प्रमुखता से छापा।

कैंसर पर जागरूक करती लघुकथा "मर्कट_कर्कट" का रूपांतरण नशाखोर के रूप प्रयागराज के प्रतिष्ठित रंगशालाओं में मंचन।


"नुक्कड़ नाटक अभिनय संस्था प्रयागराज" के स्थापना दिवस पर मेरी पांच कहानियों को लेकर प्रस्तुत की गई नाट्य प्रस्तुति "आईना समाज का" कुंभ प्रयागराज के बाद एक बार फिर माघ मेला अरेल घाट संगम प्रयागराज में मंचित हुआ। उपरोक्त मंचन के बाद "रेड डॉग फिल्म स्टूडियो" एवं "संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार" के सहयोग से मेरी लिखी कहानी "शरण स्थली" एवं "दोहरा चरित्र" का फिल्म रूपांतरण किया जा रहा है जिसका निर्देशन भारत सरकार एवं यूपीएसआरएलएम विभाग की डॉक्यूमेंट्री फिल्मों का निर्देशन कर चुके युवा रंगकर्मी कृष्ण कुमार मौर्य करेंगे।(प्रपत्र संलग्न)


दैनिक भास्कर में साक्षात्कार प्रकाशित।


जुगरनॉट पर कहानी प्रतियोगिता में प्रथम स्थान।


जुगरनॉट पर साक्षात्कार प्रकाशित।


स्टोरी मिरर में ऑर्थर ऑफ द वीक से सम्मानित।


स्टोरी मिरर द्वारा आयोजित लघुकथा प्रतियोगिता में लघुकथा "खनक" को प्रथम स्थान।


समावर्तन पत्रिका के लघुकथा स्तंभ 'घरौंदा' में मेरी लघुकथाएं दिसंबर दो हजार उन्नीस के अंक में प्रकाशित हुई।

समावर्तन के महिला विशेषांक -2 में दो कथाओं का प्रकाशन।

मातृभारती द्वारा "स्वाभिमान" पर राष्ट्रीय लघुकथा प्रतियोगिता में 50 विजेताओं में स्थान।


100 से अधिक लघुकथाएं कई प्रतिष्ठित पत्र, पत्रिकाओं जैसे पडाव और पडताल, किस्सा कोताह, लघुकथा कलश, आधुनिक साहित्य, साहित्य कलश आदि में प्रकाशित।


प्रभात खबर, दैनिक सांध्य टाइम, दैनिक हरियाणा प्रदीप, सुरभि आदि पत्रों में लघुकथाओं व कविताओं का प्रकाशन।



बाल कथा, "बंटू_और_पेड़" पाठ्यक्रम में सम्मिलित।


बाल कविता 'रिश्तों_का_ संसार" पाठ्यक्रम में सम्मिलित।


नंदन के जुलाई 2020 अंक में बाल कथा "भागा राक्षस" प्रकाशित।

बालभारती के फरवरी 2021 के अंक में बालकथा चतुर लोमड़ी और कौवा 'प्रकाशित।

अयोध्या शोध संस्थान (संस्कृति विभाग,उत्तर प्रदेश)के सहयोग से

साहित्य संचय फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित एक दिवसीय अन्तर्राष्ट्रीय संगोष्ठी में आलेख वाचन के अवसर के साथ ही रामचरित मानस में राम के विविध रूप पुस्तक में शोध परक आलेख प्रकाशित।

सम्मान- किस्सा कोताह पत्रिका के वार्षिकोत्सव में बालकहानी के लिए 'मदनलाल अग्रवाल' सम्मान से सम्मानित।

हरिद्वार लिटरेचर फेस्टिवल में लघुकथा पर विचार के लिए आमंत्रित व सम्मानित।


दैनिक जागरण में साक्षात्कार प्रकाशित।

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