कुत्ता— पृथ्वी पर एकमात्र ऐसा प्राणी जो शायद खुद से ज्यादा अपने मालिक को चाहता है, आदमी का सबसे अच्छा दोस्त— कुत्ता!
जीवन में हमें प्यार की सीख देने आता है, कुत्ता।
खोना किसे कहते हैं, जब यह चला जाता है, तब हमें समझ आता है। जिन-जिन ने कभी इसे पाला है, वही जानते हैं कि चाहे ये दोस्त पूरी ज़िंदगी साथ न दे, इसके होने से जीवन में पूर्णता तो आती है।
हाँ, ऐसे देश हैं जहाँ के लोगों ने इसे समझना नहीं चाहा, उन जगहों में मैंने रात-रात भर कुत्तों का रुदन सुना है ...
तो, भारतीय गाँव की सौंधी मिट्टी में रची प्रियंका गुप्ता की लिखी इस हफ्ते की कहानी का शीर्षक है— कुत्ता ।
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चुनाव के दिन हैं. विषय उप्युक्त कविता जब प्रजा बोलती है भी प्रस्तुत है। यह श्री धर्मपाल महेंद्र जैन ने लिखी है।
फिर – बताइये यह प्रस्तुति कैसी लगी?
- मुक्ता सिंह-ज़ौक्की
सम्पादक, ई-कल्पना
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